कैसे हम सुलझाए, न कोई जतन हमको सुझे, कैसे हम तुमको भुलाए, हर मोड़ पर टकरा जाती है, तेरी मेरी निगाहें, यादें फिर आ जाती है सारी, कैसे इन राहों में, संग तेरे चले थे हम थामें बाहें। #दिलकीराहें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi