राह ए वफ़ा तू छोड़ न जाना दिल मेरा तू तोड़ न जाना ! महफ़िल लगी है यहां मोहब्बत करने वालों की कोई लुटता है तो कोई लूटता ही है दिलों के खेल में अक़्सर कहीं न कहीं शीशा टूटता ही है । : #येरंगचाहतोंके #शुभरात्री #पंछी #पाठक