। हैसियत। तंग जिन्दगी,फटे हाल है जेब मेरी, अधूरे सपने,ना काफ़ी है अभी हैसियत मेरी, कभी तो पहुंचूंगा जिंदगी के उस मुक़ाम पे, जब खुशियां नहीं पूछेंगी औकात मेरी, बस इसी कश्मकश में हो रही है सुबह से शाम मेरी ।। ©ATUL_NISHABD #cycle #हैसियत #मेंरी