Nojoto: Largest Storytelling Platform

मन के पँछी उड़ते रहे, अपने हमसे मुड़ते रहे..! औरों क

मन के पँछी उड़ते रहे,
अपने हमसे मुड़ते रहे..!
औरों को लगते हैं काँच हम पर,
शीशे की चमक सा जुड़ते रहे..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #Yaatra #mankepanchhi