जिस शायर की दिल बनके बरसती है बुंदे तुमपे कहीं वो शायर मैं तो नहीं.. अपनी शायरी से ही पुछता हूँ तुम्हें, मेरे लिए कुछ दिल में है तो नहीं.. ...laddu ki lekhani.. ©Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav sun sun sun barsat ke dhun