हिंदी दिवस बदले संसार के पहरे पर है झूठ का पर्दा लहर रहा कही भाई भाई को मार रहा कही द्वेष पुत्र से झलक रहा. बदल रही हर शख़्स की नियत... बदल रहा ये जहान है धन माया के ज़ंज़ीरो से घिरा हुआ हर इंसान है धरती तो यहाँ हुई पापमयी बचा हुआ आसमान है पावन पुण्य धरा पर अब तो हर शख़्स बना हैवान है.. कुरीतियों मे समाज ढल रहा इनसे मानव कैसे छूटे प्राणघाती धन के लालच से मोह मनुज का कैसे छूटे.. कथनी करनी मे न अंतर हो सुविचार पले सबके मन मे अब राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत हो दायित्व बौध हो जन जन मे... उठो जागो लक्ष्य को साधो सार्थक जीवन को बनाना है एक्यबलं के साधन से विकसीत भारत को बनाना है है वक़्त आ चला उठने का कर्मठ भारत को बनाना है एक्यबलं के साधन से विकसित भारत को बनाना है... 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 #जयतु भारतं#