कैसे बयां करु अपने वो नाजुक लम्हे? जब मैं अपने आप को तेरा एक हीस्सा समझा करता था। कैसे बयां करु जब अपना हर एक किस्सा बहुत खास हुआ करता था? तूने मुझे क्या समझ कर अपनाया? इसलिए की मैं तुम्हें खोने के डर से बहुत रोया करता था? #Life दिल का दर्पण 😊