पता नही! दोस्तो की दोस्ती के मायने तो बदलते रहेते है। वेसे हालफिलाल में मेरी दोस्ती हूई है, एक आवारा कलम से जिसकी माशुका है एक डायरी। मे अपने सारे गिले-शिकवे रूसवे-फुगवे और बहूत कुछ कह देता हु। और कलम उतारकर मेरे दिल का बोझ उसकी माशुका को सौप देता है। शायद ये दोस्ती है। ।शायद ये दोस्ती है। #nojoto #nojotohindi #shayari #thoughts #twoliner #Dosti