हारना नहीं तुम हालातों से, लोगों की बातों से, गर है हिम्मत तुझमें, है खुद पे भरोसा, निकल आओगे तुम, सब वारदातों से, नामुमकिन कुछ नहीं, गर चाहे सूरत-ए-हाल क्या, आने वाला कल भी बदल दे, शौक जिंदा रहे इंसाँ के तो, बुढापे की शक्ल भी बदल दे ।। ©Chauhan Chirag #PoetInYou Shashank Tripathi NIHAR