जो प्रेम इकतरफा ही बैचैन करे वो मिल के कभी राहत नहीं दे सकता ©Yash Verma मैं इस भीड़ में कही खो जाऊ और तुम अपनी दिल की तह में मुझे टटोलो ज़िन्दगी के किसी ठहराव में मुझे ना पा सको ना मेरी कोई खबर तो खुद को मत कोसना तुमको लगे जो भी वजह तुम नहीं तुमसे दूर जाके सब कुछ पाके जब मैं प्रेम को ना दबा सका ना परिवर्तित