"KoronA हकीम, दवाएँ, नुस्खे ,सब हताश हो गए हैं साहब अंजान मर्ज के , कई खास हो गये है सुना है जो दूर -दूर रहते थे ,आज सब पास हो गए हैं जो दुनिया में नही रहे छोड़िए ,जो हैं वो भी जिंदा लाश हो गए हैं फिजाओं में महंगे, सांस हो गए हैं, अमेरिका चीन सब परिहास्य हो गये हैं Pm, cm भी, मौत के दास हो गये है, अब तो कोरोना ही सबके बॉस हो गये हैं जो कल तक पढ़ाते थे history, आज खुद ही इतिहास हो गए हैं, एवेंजर शक्तिमान Krish नजर नही आते, लगता है कहीं नाश हो गये हैं जीवों की हत्या पर हमने रोक न लगाई मानो वही कोरोना बनकर विनाश हो गए हैं यूं गिर रहे है लडखड़ाकर पत्ते जैसे तास हो गए हैं कहां मिलेगा इंसाफ Aksh कोर्ट कचहरी सब बर्खास्त हो गए हैं हकीम, दवाएँ, नुस्खे ,सब हताश हो गए हैं अंजान मर्ज के , कई खास हो गये है हकीम दवाएं सब लाश हो गए हैं जरहै #aksh #yourquote #poem