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जो अहल-ए-सियासत हैं उन्हें कभी मुआफ़ न किया। अपने क

जो अहल-ए-सियासत हैं उन्हें कभी मुआफ़ न किया।
अपने कद से बड़ी चादर का कभी इंतेखाब न किया।। #faizks #poetry
जो अहल-ए-सियासत हैं उन्हें कभी मुआफ़ न किया।
अपने कद से बड़ी चादर का कभी इंतेखाब न किया।। #faizks #poetry
faizahmad6196

Faiz Ahmad

New Creator