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कुपित मानुष... इंसानियत का क़त्ल करते ये हैवान है

कुपित मानुष...

इंसानियत का क़त्ल करते ये हैवान हैं!
कलप रही धरती, सिसकती बेज़ुबां है।
कैसा भट्टयुग आयो‌ रे!
मानवता का क़त्ल-ए-आम है।
गणपति की जय-जयकार करै,
कोख़ में शिशु वध‌ करै,
कैसा जन-जन संहार है!
बद्दुआ का भागी तू,
कुपित, कर्महीन पापी तू!
दैत्य रूपी मानुष अब, 
काली की पुकार है।

©श्वेतनिशा सिंह~🕊️ #elephant
#मानवता_शर्मसार_है
#जीनेदो 
#sorrow 
#loveanimals
#संहार 
#nojotohindiwriters
#silentsouls
कुपित मानुष...

इंसानियत का क़त्ल करते ये हैवान हैं!
कलप रही धरती, सिसकती बेज़ुबां है।
कैसा भट्टयुग आयो‌ रे!
मानवता का क़त्ल-ए-आम है।
गणपति की जय-जयकार करै,
कोख़ में शिशु वध‌ करै,
कैसा जन-जन संहार है!
बद्दुआ का भागी तू,
कुपित, कर्महीन पापी तू!
दैत्य रूपी मानुष अब, 
काली की पुकार है।

©श्वेतनिशा सिंह~🕊️ #elephant
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