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पिताजी जब सुबह उठकर अनुलोम - विलोम रुपी बैलो को

पिताजी जब सुबह उठकर 
अनुलोम - विलोम रुपी 
बैलो को लेकर जाते हैं खेत पर,
कपालभाति के मानिंद 
कपाल पर गमछा बांधकर 
बांध देते हैं मुश्किले खेत की मेड़ पर...
पिता उगाते हैं अनाज कर के सुखासन,
तब माँ बेटा घर में पाते हैं सुख से भोजन... 
धूप मे तप के मुझे सुख सुविधा भी दी पिता ने... 
वृक्षासन का वृक्ष बन के छाया भी दी पिता ने,
ये सब देखकर बेटा जिस दिन
पिताजी से पहले उठने पर विवश हो जाएगा,
उसी दिन उसका फ़ादर्स डे़ 
उसी दिन योग दिवस हो जाएगा... 
-दीपक मस्तबाजी... 
-Deepak mstbaji... #HappyFathersDay 
 Niku Singh Maltey😎 tikeshwar dhruw V.k.upadhyay dipesh suman parveen tiwari
पिताजी जब सुबह उठकर 
अनुलोम - विलोम रुपी 
बैलो को लेकर जाते हैं खेत पर,
कपालभाति के मानिंद 
कपाल पर गमछा बांधकर 
बांध देते हैं मुश्किले खेत की मेड़ पर...
पिता उगाते हैं अनाज कर के सुखासन,
तब माँ बेटा घर में पाते हैं सुख से भोजन... 
धूप मे तप के मुझे सुख सुविधा भी दी पिता ने... 
वृक्षासन का वृक्ष बन के छाया भी दी पिता ने,
ये सब देखकर बेटा जिस दिन
पिताजी से पहले उठने पर विवश हो जाएगा,
उसी दिन उसका फ़ादर्स डे़ 
उसी दिन योग दिवस हो जाएगा... 
-दीपक मस्तबाजी... 
-Deepak mstbaji... #HappyFathersDay 
 Niku Singh Maltey😎 tikeshwar dhruw V.k.upadhyay dipesh suman parveen tiwari