दुःख में सुख में साथ निभाती, हर गम में भी वो मुस्काती | हम पर दुःख पड़ने पर रोती, हम खुश हो तो साथ है हँसती 'माँ' ही तो है, जो हमे समझती|| कड़ी धूप में छाया जैसी, साथ हमारे हरदम रहती| जब हम धूप से थककर आएँ, ले पंखे को वह है झलती 'माँ' ही तो है जो हमे समझती || अगर गलती हम कभी करे तो, प्यार से वो हमको समझती मुश्किल पड़ने पर भी वो, कभी नहीं है घबराती 'माँ' ही तो है, जो हमे समझती || 'माँ' की ममता जग में न्यारी, दुनिया में वो सबसे प्यारी | सच्चे पथ पर चलना सिखलाती, सच्ची बातें हमें बताती 'माँ' ही तो है जो हमे समझती || संध्या 👨👩👧💕💕💕 माँ....