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चलना था दूर तक तो मैं चलता गया ,  सांसें भरती गई

चलना था दूर तक तो मैं चलता गया , 
 सांसें भरती गई ; दिन ढलता गया , 
दूर तक न दिख रही थी वो मोड़ जहां मुझको रुकना था , 
मंजिल आगे है यही सोच कर बढता गया ।।

बदलते मौसम मे खुद भी ढलता गया , 
रुकने का न था कोई बहाना सो मैं चलता गया , 
कभी लड़खड़ाता तो कभी सँभलता गया , 
मंजिल आगे है यही सोच कर बढता गया ।। ManZil.... Sayaro Bano Lafz-e-faridi  zindgi_ki_baat
चलना था दूर तक तो मैं चलता गया , 
 सांसें भरती गई ; दिन ढलता गया , 
दूर तक न दिख रही थी वो मोड़ जहां मुझको रुकना था , 
मंजिल आगे है यही सोच कर बढता गया ।।

बदलते मौसम मे खुद भी ढलता गया , 
रुकने का न था कोई बहाना सो मैं चलता गया , 
कभी लड़खड़ाता तो कभी सँभलता गया , 
मंजिल आगे है यही सोच कर बढता गया ।। ManZil.... Sayaro Bano Lafz-e-faridi  zindgi_ki_baat