Nojoto: Largest Storytelling Platform

रात में कर रहा हूं सफर मुकद्दर-ए-मंज़िल का दिन के

रात में कर रहा हूं सफर
मुकद्दर-ए-मंज़िल का
दिन के उज़ाले में 
अक्सर भटक ज़ाता हूं मैं...

दिल कि बाते जु़बान पर
बिलकुल ना आने दूंगा
दुसरों के कहने से
अक्सर बहक ज़ाता हूं मैं...

बंद कर लुंगा आंखे मेरी
तुम दिखाई अगर दिये कहीं
खुबसुरती पे क्योंकी
अक्सर बहक ज़ाता हूं मैं...

इक आखिरी दरख्वास्त मेरी
मेरे लौंटने का वादा ना ले
ऐसे दिये वादों से मेरे
अक्सर मुकर ज़ाता हूं मैं...

मैं हुं तो मेरी पहचान नहीं
कल पहचान होगी और मैं नहीं
खुदा ज़ाने कब तय होगा यह फ़ासला
अक्सर अपने आप से खों ज़ाता हूं मैं...

©️ Swapnil Jadhav
#Pennings
#Swapys_Diaries #Pennings
#Swapys_Diaries
#Quarantine_Diaries
#Hindi_Poem
#Love_for_Words
रात में कर रहा हूं सफर
मुकद्दर-ए-मंज़िल का
दिन के उज़ाले में 
अक्सर भटक ज़ाता हूं मैं...

दिल कि बाते जु़बान पर
बिलकुल ना आने दूंगा
दुसरों के कहने से
अक्सर बहक ज़ाता हूं मैं...

बंद कर लुंगा आंखे मेरी
तुम दिखाई अगर दिये कहीं
खुबसुरती पे क्योंकी
अक्सर बहक ज़ाता हूं मैं...

इक आखिरी दरख्वास्त मेरी
मेरे लौंटने का वादा ना ले
ऐसे दिये वादों से मेरे
अक्सर मुकर ज़ाता हूं मैं...

मैं हुं तो मेरी पहचान नहीं
कल पहचान होगी और मैं नहीं
खुदा ज़ाने कब तय होगा यह फ़ासला
अक्सर अपने आप से खों ज़ाता हूं मैं...

©️ Swapnil Jadhav
#Pennings
#Swapys_Diaries #Pennings
#Swapys_Diaries
#Quarantine_Diaries
#Hindi_Poem
#Love_for_Words