हवा के साथ बहना आ गया है गमों मे भी अब रहना आ गया है मोहब्बत एक अहसास है जिसे सब समझ नहीं पाते पर हमे उस अहसास से ही नफरत करना आ गया है पानी के जैसे साफ दिखता था प्यार हमे अब क्यूँ उसमें इतना दाग आ गया है वक़्त रूक गया है या चल रहा है अभी मेरी घड़ी को ना जाने क्यूँ बुखार आ गया है सुना था मोहब्बत बार बार नहीं होती है फिर क्यूँ उसे दुसरा हमसफ़र पसंद आ गया है मोहब्बत मे रूह या जिस्म किसका हिस्सा ज्यादा होता है अब ये जवाब हमे समझ आ गया है हवा के साथ बहना आ गया है . . . . #thenishanttripathi #poetry #poet #shayri #hindipoetry #hindiquotes #hindishayri