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वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे

वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि ऐसे ही बैठे बैठे तो उम्र निकल जाऐगी । इंतजार करने से अच्छा है कि मैं फ़ोन करके पूछ लूं कितना वक्त और लगेगा । फ़ोन लगाया मगर उनका फ़ोन नहीं लग रहा था,घड़ी में 9,10,11.......ऐसे ही बज गए और रात घिरते घिरते मेरी बेचैनी बहुत बढ़ने लगी ।"ऐसा पहले कभी ना हुआ कि तुमने मुझे इतनी देर तक अकेले छोड़ा हो "।"प्लीज आ जाओ ना  कहाँ हो ?" मैंने मेसेज भेजा ।
मेसेज का जवाब तो तब आता ना जब तुम फ़ोन ऑन करते ।
अकेले बैठे बैठे दिल जैसे डूबता जा रहा था कि तुम जाने कहाँ हो ,ठीक भी हो या नहीं। 
अचानक मेरे फ़ोन पर अननोन नम्बर से फ़ोन आता है ,"हैलो मिसेज ठाकुर!"......कोई अनहोनी की आशंका दिल में भरे मैंने कहा, "हाँ जी,बोलिए!" उस तरफ से तुम्हारी आवाज़ सुन जान में जान आ गई हो जैसे। तुम्हारे वो शब्द आज भी मेरे लबों पर मुस्कान बिखेरते हैं, "बाहर आना तो 100 रूपये लेकर, टैक्सी का किराया देना है।"अपना फ़ोन और पर्स अपनी गाड़ी में ही भूल आए हमेशा की तरह।तेज़ कदमों से मैं 100रूपये का नोट हाथ में लिए बाहर की ओर गई। 
तुमको सामने देखकर ऐसा लगा मानो जिंदगी सामने आ गई हो। टैक्सी वाले को भेज तुमने मुझे "साॅरी"कहा ,देर से आने के लिए ,मगर मैं तो खुदा का शुक्र कर रही थी कि गाड़ी ही खराब हुई, मेरी जान बिल्कुल ठीक है । ऐसे किस्से एहसास कराते हैं कि वक्त के साथ मैं तुमसे कितनी मोहब्बत करने लगी हूँ। तुम्हारे कांधे पर सर रखकर कब आंख लग गई पता भी ना चला आखिरकार तुम पास जो थे,साथ थे। सारी दुनिया एक तरफ और तुम एक तरफ वक्त ने मुझे ये एहसास भली भांति करवा दिया है। #Waqt #एहसास #रिश्ते #nojotoquotesforall #nojotowritersclub #nojotohindi #anshulathakur #storytelling #Kahaniya #ansune_ehsaas
वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि ऐसे ही बैठे बैठे तो उम्र निकल जाऐगी । इंतजार करने से अच्छा है कि मैं फ़ोन करके पूछ लूं कितना वक्त और लगेगा । फ़ोन लगाया मगर उनका फ़ोन नहीं लग रहा था,घड़ी में 9,10,11.......ऐसे ही बज गए और रात घिरते घिरते मेरी बेचैनी बहुत बढ़ने लगी ।"ऐसा पहले कभी ना हुआ कि तुमने मुझे इतनी देर तक अकेले छोड़ा हो "।"प्लीज आ जाओ ना  कहाँ हो ?" मैंने मेसेज भेजा ।
मेसेज का जवाब तो तब आता ना जब तुम फ़ोन ऑन करते ।
अकेले बैठे बैठे दिल जैसे डूबता जा रहा था कि तुम जाने कहाँ हो ,ठीक भी हो या नहीं। 
अचानक मेरे फ़ोन पर अननोन नम्बर से फ़ोन आता है ,"हैलो मिसेज ठाकुर!"......कोई अनहोनी की आशंका दिल में भरे मैंने कहा, "हाँ जी,बोलिए!" उस तरफ से तुम्हारी आवाज़ सुन जान में जान आ गई हो जैसे। तुम्हारे वो शब्द आज भी मेरे लबों पर मुस्कान बिखेरते हैं, "बाहर आना तो 100 रूपये लेकर, टैक्सी का किराया देना है।"अपना फ़ोन और पर्स अपनी गाड़ी में ही भूल आए हमेशा की तरह।तेज़ कदमों से मैं 100रूपये का नोट हाथ में लिए बाहर की ओर गई। 
तुमको सामने देखकर ऐसा लगा मानो जिंदगी सामने आ गई हो। टैक्सी वाले को भेज तुमने मुझे "साॅरी"कहा ,देर से आने के लिए ,मगर मैं तो खुदा का शुक्र कर रही थी कि गाड़ी ही खराब हुई, मेरी जान बिल्कुल ठीक है । ऐसे किस्से एहसास कराते हैं कि वक्त के साथ मैं तुमसे कितनी मोहब्बत करने लगी हूँ। तुम्हारे कांधे पर सर रखकर कब आंख लग गई पता भी ना चला आखिरकार तुम पास जो थे,साथ थे। सारी दुनिया एक तरफ और तुम एक तरफ वक्त ने मुझे ये एहसास भली भांति करवा दिया है। #Waqt #एहसास #रिश्ते #nojotoquotesforall #nojotowritersclub #nojotohindi #anshulathakur #storytelling #Kahaniya #ansune_ehsaas