तेरे इंकार को इकरार समझ बैठा तेरे इंकार को मै इकरार समझ बैठा तेरी हंसी को मै प्यार समझ बैठा वक़्त की बदलती सूरत को तो देखो मेरे दोस्त मै उस नादान को अपनी जान समझ बैठा। -गौरव शर्मा तेरे इंकार को इकरार समझ बैठा....