ना नाम हैं ना पता हैं इस गुमनाम पते पर ये चिठ्ठी भेजना किसकी खता हैं , कब से पड़ा हैं वीरान मेरा जहा, यहा रोशन किया चिराग किस का हैं , बहोत अजीज हैं मुझे मेरी तन्हाई , ये तन्हाई मुझसे छीनने की किस की खता हैं , हो चुका हू मै अब गुमनाम सा , ये मुझे मेरे नाम से पुकार ने की किस ने की खता हैं , #किसकी खता है ,,,,,