रात के दो बजे... जब बेचैनियां पहरेदार की सीटियों पर कुछ और चौकन्नी होकर नींद को खबरदार करती हैं फौंकता है बीता हुआ समय सड़क पर लावारिश कुत्तों सा भौंकता है... बेइख्तियार गंतव्यहीन विचारों की रेल चलती है...सांसों की पटरियों पर ज़िन्दगी इंतजार करती है...रात का रात की तरह गुज़र जाने का #toyou #yqrailways #yqrides #yqjourny #yqmidnight #yqdarkness