परम अवस्था सायुज्य है जिसका अर्थ है ईश्वर के साथ पूरी तरह से एक हो जाना इस तरह विलीन हो जाना कि आपको अपने और ईश्वर के बीच कोई अंतर न दिखे इस अवस्था में दो नहीं केवल एक होता है इस तरह ज्ञान की परम अवस्था प्राप्त करें... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #सूत्र