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खिड़की पर बैठकर रहा देखता हूँ जहाँ देखता हूँ तुम्ह

खिड़की पर बैठकर रहा देखता हूँ 
जहाँ देखता हूँ तुम्हे देखता हूँ 
ये गुलशन ऐ वादियां  
ये  मौसम ये बहार 
ये आंखे तुम्हारी वो नुरानी ख्वाब 
मूझे देखकर शर्माना तुम्हारा 
वो मिलना तुम्ही से 
मेरा इक ख्वाब 
❤
नशीली कलम #Beauty 
#ख्बाब 
#मोहब्बत  Ritika Singh pooja negi# Suman Zaniyan lafz Kalakaksh
खिड़की पर बैठकर रहा देखता हूँ 
जहाँ देखता हूँ तुम्हे देखता हूँ 
ये गुलशन ऐ वादियां  
ये  मौसम ये बहार 
ये आंखे तुम्हारी वो नुरानी ख्वाब 
मूझे देखकर शर्माना तुम्हारा 
वो मिलना तुम्ही से 
मेरा इक ख्वाब 
❤
नशीली कलम #Beauty 
#ख्बाब 
#मोहब्बत  Ritika Singh pooja negi# Suman Zaniyan lafz Kalakaksh