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उजड़ी हुई बस्ती में कोई अमीर बैठा है , पेसो से गर

उजड़ी हुई बस्ती में कोई अमीर बैठा है ,
 पेसो से गरीब और दिल का वजीर बैठा है..
कोई मशुका चिलाये जा रही थी मेरा मोहल्ला उजड़ गया
वो मुस्कुराते हुवे बोला सामने देख
तेरी एकतरफा मोहब्बत बनकर तेरी तकदीर बैठा है...।

©नन्हीं कवयित्री sangu... #एकतरफा
उजड़ी हुई बस्ती में कोई अमीर बैठा है ,
 पेसो से गरीब और दिल का वजीर बैठा है..
कोई मशुका चिलाये जा रही थी मेरा मोहल्ला उजड़ गया
वो मुस्कुराते हुवे बोला सामने देख
तेरी एकतरफा मोहब्बत बनकर तेरी तकदीर बैठा है...।

©नन्हीं कवयित्री sangu... #एकतरफा