सीता सव्यम्बर् मे भाग लेने के लिए अनेक देशों के राजकुमारो को आमंत्रित किया गया लेकर धनुष को उठाने मे सभी योध्दा असमर्थ थे! जब श्री राम धनुष के पास गए तो सबसे पहले उन्होंने मन ही मन मे अपने माता पिता और गुरु को नमन किया! माता सीता मन ही मन मे प्रभु श्री राम की हो चुकी थी! श्री राम ने बड़े सरल ढंग से धनुष को उठा लिया और ब्रमांड मे श्री राम की जय कार होने लगी और माता सीता ने श्री राम को वरमाला पहनायी।। जय श्री राम ©Rakesh Kumar #NojotoRamleela2Day