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आ गया जो कभी तेरे आग़ोश में, यक़ीनन और ज़्यादा निख

आ गया जो कभी तेरे आग़ोश में,
यक़ीनन और ज़्यादा निखर जाऊँगा।
तेरे कूचे से जिसदिन बिछड़ा सनम;
मान लो, सच में मैं बिखर जाऊँगा॥

पहले से ना कोई ख़्वाब आँखो में थे,
ज़ब्त हर-एक जज़्बात साँसों में थे।
तेरे दिल के चमन में गर मिले आसरा,
इश्क़ में तेरे हद से गुज़र जाऊँगा॥

तेरे दम से है मेरी दुनिया अब हसीं,
संग गुज़रे हरपल, ये चाहत अब मेरी।
जो तु फेरे नज़र मेरे चेहरे से परे;
अश्क़ बन तेरे आँखों से उतर जाऊँगा॥

रोज़ सजदे किये परवर दीगार की,
तो उसने जा मिलाया था तुझसे मुझे।
मिल कर भी ना मिली तु मुझे हमनशीं,
तेरे कूचे से अब मैं किधर जाऊँगा॥
✍🏻@raj_sri  #aagosh
आ गया जो कभी तेरे आग़ोश में,
यक़ीनन और ज़्यादा निखर जाऊँगा।
तेरे कूचे से जिसदिन बिछड़ा सनम;
मान लो, सच में मैं बिखर जाऊँगा॥

पहले से ना कोई ख़्वाब आँखो में थे,
ज़ब्त हर-एक जज़्बात साँसों में थे।
तेरे दिल के चमन में गर मिले आसरा,
इश्क़ में तेरे हद से गुज़र जाऊँगा॥

तेरे दम से है मेरी दुनिया अब हसीं,
संग गुज़रे हरपल, ये चाहत अब मेरी।
जो तु फेरे नज़र मेरे चेहरे से परे;
अश्क़ बन तेरे आँखों से उतर जाऊँगा॥

रोज़ सजदे किये परवर दीगार की,
तो उसने जा मिलाया था तुझसे मुझे।
मिल कर भी ना मिली तु मुझे हमनशीं,
तेरे कूचे से अब मैं किधर जाऊँगा॥
✍🏻@raj_sri  #aagosh