सफलता के रास्ते में आया पत्थर को हटा नही सकता और कैसी चल रही है जिंदगी तुमको बता नही सकता हर पल जिंदगी और मौत के बीच होती है लुका-छिपी पर मैं अपनी मन: स्थिति को चेहरे पर ला नही सकता अब देख सकता हूँ सुन सकता हूँ कल की घटनाएं भी मैं समझ सकता हूँ पर जमाने को समझा नही सकता दिल के कोने से आती है आवाज सब ठीक हो जायेगा पर उस आवाज के सहारे तो जिंदगी बिता नही सकता अब हर मुलाकात पर कहने लगा हूँ मैं अलविदा सबसे कब क्या हो जाये मैं खुले शब्दों में तो बता नही सकता #book_consideration