अपने खालीपन को भरते-भरते इतनी भर चुकी है... 'वो' कि अब शायद जानती ही नहीं क्या मन में रखे क्या मन से बाहर रखे...! 🌹 अपने खालीपन को भरते-भरते इतनी भर चुकी है... 'वो' कि अब शायद जानती ही नहीं क्या मन में रखे क्या मन से बाहर रखे...!