बादलों की तलहटी से निकला चांद और दुख की तलहटी से निकली मुस्कान दोनों कितने समान है ना? देखो इन दोनों की छोटी सी लौ के पास भी घुप्प अंधेरे के विकराल घमंड को तोड़ने की ताकत है। ~© Anjali Rai बादलों की तलहटी से निकला चांद और दुख की तलहटी से निकली मुस्कान दोनों कितने समान है ना?