दर्द बयां कर देती हैं ये आंखें, ए- ज़िंदगी तु अपने ज़ख़्मो के गहरे घाव दे कर हर दफ़ा रूलाया ना कर। -Neha_Pandya #आंखें संजीव शर्मा AS Ankit Shankhwar