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भरे समंदर मै मुझे रेगिस्तान मानती है ज़िंदगी तू मु

भरे समंदर मै मुझे रेगिस्तान मानती है
ज़िंदगी तू मुझे बहुत करीब से पहचानती है
मेरे वजूद को कभी तिनके की तरह मानती है
मेरे जज्बातों ,हालातो को अल्फाजों के गीत मानती है।।

जिंदगी,तू मुझे बहुत करीब से पहचानती है।।

©Devendra Kumar जिंदगी।।by dev
#river
भरे समंदर मै मुझे रेगिस्तान मानती है
ज़िंदगी तू मुझे बहुत करीब से पहचानती है
मेरे वजूद को कभी तिनके की तरह मानती है
मेरे जज्बातों ,हालातो को अल्फाजों के गीत मानती है।।

जिंदगी,तू मुझे बहुत करीब से पहचानती है।।

©Devendra Kumar जिंदगी।।by dev
#river