कौरे पन्नौं जैसा था हमारा मिजाज़, कि अचानक कोई शाहीं बिखेर कर चला गया, शाहीं भी ऐसी है कि मिटने का नाम नहीं ले रही, अरे कोई उस जा-ने-हुसऩ से तो जाकर पूछो क्या उसे हमसे दौबारा प्यार करने की ख्वाहिश नहीं हो रहीं।। #ख्वाहिस# Ritika suryavanshi pooja negi#