मोहब्बत का फूल दिल में खिला कर। मुस्कुरा कर दर्द दिल में देकर वो चल दिए।। छोड़ मुझे वो तन्हा महफ़िल में। अब प्यार शहर किसी पर एतबार ना रहा।। ये अजनबी रास्ते अब थाम ले तू मेरा हाथ। जिसे अपना समझा था वो छोड़ रहें मेरा साथ।। आख़िरी पहर आख़िरी सफ़र जिंदगी का मेरा। चल रे ऐ दिल! यहां नहीं है कोई तेरा।। ♥️ Challenge-696 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।