ना जानें किस गली की मुसाफिर हूँ बस चलती ही जाती हूँ पता ना पूछो मुझ से रास्ते का ना जानें किस अजान से बाते करती चलती हूँ इसकी खबर भी नहीं रखती हूँ मुसाफिर हूँ, मुसाफिर ही बनी रहती हूँ -nisha nik''ख्याति'' #मुसाफिर #mushfir #nishanik #hindipoetry