Unsplash तोड़कर सपने हजार बनने को चला जब जिम्मेदार, जिम्मेदारियों ने कमर तोड़ी।। दफ्तर दफ्तर फिरा ढूंढने रोज़गार .. सार सीखता ज़िंदगी का या दिखता बेबस लाचार ? अत्याचार करता खुदके सांसों पर... मौत है चाहती बनने को यार!! इनकार करूं या हां करूं ? घुट घुट टूटे सपने गिनूं? या जिम्मेदार मौत चुनूं।। ©Shubham Mishra (Raj) #library heart touching life quotes in hindi shayari on life life quotes in hindi sad shayari on life reality life quotes in hindi