"चलो न दूर का सफर तय करते है" आज तुम संभालो कल मैं संभालूं टूटे दो सितारों को जोड़ चलो न आज एक नया आसमां सजाते है। यूहीं रूठते मनाते हस्ते खेलते बाहों के आगोश में आओ न कहीं खो चलते टूटे रास्तों को आज जोड़ चले चलो न आज दो जिस्म एक जां बन चले । चलो न दूर का सफर तय करते है कहीं रुक कर दो कप कॉफ़ी के साथ ओरियो खा चलते है । चलो न आज दूर का सफर तय करते है । ....................................................................... "चलो न दूर का सफर तय करते है" आज तुम संभालो कल मैं संभालूं टूटे दो सितारों को जोड़ चलो न आज एक नया आसमां सजाते है।