मेरे गहरे ज़ख्मों पर मरहम बन के आया है! सोचा समझा साज़िश है, मैंने आज़माया है! है इसमे हाँथ ख़ुदा का, उसी नें मिलवाया है! ना जाने क्या होगा अंजाम, दिल घबराया है! बेहिसाब मोहब्बत से दिल हमारा भी भर आया है! गुमसुम कर जाती है मुझे, जब ज़िक्र उनका आया है! आँखों में उसके मैंने बस प्यार का सैलाब पाया है! सूखी थी दिल की ज़मी, सँग अपनें सावन लाया है! उसके लिखे हर ख़त नें मुझे ये एहसास दिलाया है! मुझे तुमसे बेहद प्यार है "नेहा" नें फ़िर दोहराया है। ♥️ Challenge-896 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।