मोहब्बत के नशे में हमने उसे खुदा बना डाला, मोहब्बत के नशे में हमने उसे खुदा बना डाला। खुद को भूल हमने उसमें अपनी दुनिया बसा डाला। अंजाम की परवाह किए बिना हमने उसे अपना बना डाला। स्वार्थ में उस जालिम ने तो हमारी हस्ती को ही मिटा डाला। विश्वास कर उस पर हमने अपना सब कुछ लुटा डाला। दिल भर जाने पर उसने तो अपना दामन हमसे ही छुड़ा डाला। अकेलेपन के एहसास से हमने उसे हमेशा ही निकाला। बदले में अकेलेपन का एहसास उसने हममें ही भर डाला। अपना दिल देकर हमने उसे अपनी धड़कन बना डाला। मेरे ही दिल में बस कर उस बेवफा ने तो हमें ही मार डाला। थाम कर उनका हाथ उनको अपना हमसफ़र बना डाला। गैर की बाहों में जाने के लिए उस जालिम ने तो हमें ही तनहा कर डाला। हंसी आती है हमें अपनी ही बेवकूफी पर हमने यह क्या कर डाला। भावनाओं में आकर रास्तें के मगरूर पत्थर को हमने खुदा बना डाला। अपने दिलों के गुलदस्तों से हमने तो उसका घर ही सवार डाला। अलग आशियां बनाने में उसने तो हमारे घर को ही हमारा कब्र बना डाला। #december #Poetry #Shayari #WOD #