किताबें अपनी हदों में समुंदर भी समेटती है किताबे अफसानों से गुलज़ार हो ,महकती है किताबें रुक, ठहर प्रश्न चिन्ह लिए कोमा व व्रतांत बहोत दुःखी होता हूँ तो भी मुझे सहेजती है किताबें #kitabein mujhe sahejtee ye kitaben