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जब तुम मुझे पहली बार मीली थी। तो मेरा दिल धड़क उठा

जब तुम मुझे पहली बार मीली थी।
तो मेरा दिल धड़क उठा था।

कुछ ही दिनों में मैं तुम्हे इस कदर चहाने लगा था।
खामोश सा रहने वाला लड़का अब दीवारों से भी बतलाने लगा था।

मेरे हालात देखकर मुझे मेरा दोस्त पागल पागल बुलाने लगा था।
मेरी क्लास का हर एक लड़का तेरा नाम लेकर मुझे सताने लगा था।

मेरे कुछ दोस्त ऐसे भी थे जो तुम्हारा भी खूब मजाक बनाया करते थे।
तुम्हे गुजरते देख वो जानबूझ कर भाभी भाभी चिल्लाया करते थे।

उनकी बाते सुनकर तुम भी अपने लबों से खामोशी का पर्दा हटा दिया करती थी।
 कहती कुछ नही थी बस हल्की सी मुस्करा दिया करती थी।

मेरी कुछ कुछ बातें अब तुम अपनी सहेलियों को बताने लगी थी।
लगता है मेरी नादानियां  अब तुम्हे लुभाने लगी थी! 

तुम्हारी मुंह से निकली मेरी तारिफ मेरे दिल को सकूं पहुंचाया करती थी।
मैं स्कूल के गेट पर खड़ा तुम्हारा इंतजार करता था। और
तुम अपनी तिरछी नजर से दो टूक देखकर मेरे बगल से गुजर जाया करती थी।

जब लगा की मुलाकात मुमकिन नहीं हैं। तब
मैंने एक अलग रास्ता खोज निकाला । 
अपनी महोब्बत को शब्दों में उतार मैंने उसके नाम एक प्रेम पत्र लिख डाला।

उसमें एक अंगुठी को लपेट तुम्हारे बैंच पर रख दिया।
कहीं हो ना जाओ तुम मेरी इस बात से खफा इसलिए उस दिन मैं स्कूल से जल्दी निकल गया।

जब अगली सुबह मैं स्कूल आया तो कोई न था
 चारो तरफ सनाटा पसरा हुआ था।
मेरा प्यार तुम्हारे बैंच के पास टुकड़ो में बिखरा हुआ था।

वो अंगुठी भी.वहीं की वहीं पड़ी रह गई। उस दिन सच्चे प्यार की एक और कहानी अधुरी की अधुरी रह गई। #Adhuri khani
जब तुम मुझे पहली बार मीली थी।
तो मेरा दिल धड़क उठा था।

कुछ ही दिनों में मैं तुम्हे इस कदर चहाने लगा था।
खामोश सा रहने वाला लड़का अब दीवारों से भी बतलाने लगा था।

मेरे हालात देखकर मुझे मेरा दोस्त पागल पागल बुलाने लगा था।
मेरी क्लास का हर एक लड़का तेरा नाम लेकर मुझे सताने लगा था।

मेरे कुछ दोस्त ऐसे भी थे जो तुम्हारा भी खूब मजाक बनाया करते थे।
तुम्हे गुजरते देख वो जानबूझ कर भाभी भाभी चिल्लाया करते थे।

उनकी बाते सुनकर तुम भी अपने लबों से खामोशी का पर्दा हटा दिया करती थी।
 कहती कुछ नही थी बस हल्की सी मुस्करा दिया करती थी।

मेरी कुछ कुछ बातें अब तुम अपनी सहेलियों को बताने लगी थी।
लगता है मेरी नादानियां  अब तुम्हे लुभाने लगी थी! 

तुम्हारी मुंह से निकली मेरी तारिफ मेरे दिल को सकूं पहुंचाया करती थी।
मैं स्कूल के गेट पर खड़ा तुम्हारा इंतजार करता था। और
तुम अपनी तिरछी नजर से दो टूक देखकर मेरे बगल से गुजर जाया करती थी।

जब लगा की मुलाकात मुमकिन नहीं हैं। तब
मैंने एक अलग रास्ता खोज निकाला । 
अपनी महोब्बत को शब्दों में उतार मैंने उसके नाम एक प्रेम पत्र लिख डाला।

उसमें एक अंगुठी को लपेट तुम्हारे बैंच पर रख दिया।
कहीं हो ना जाओ तुम मेरी इस बात से खफा इसलिए उस दिन मैं स्कूल से जल्दी निकल गया।

जब अगली सुबह मैं स्कूल आया तो कोई न था
 चारो तरफ सनाटा पसरा हुआ था।
मेरा प्यार तुम्हारे बैंच के पास टुकड़ो में बिखरा हुआ था।

वो अंगुठी भी.वहीं की वहीं पड़ी रह गई। उस दिन सच्चे प्यार की एक और कहानी अधुरी की अधुरी रह गई। #Adhuri khani
pkrajput4013

PK Rajput

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