इक राह है जहाँ पर मैं खोने लगता हूँ। तेरे नफ़रतों के बाद भी तेरा होने लगता हूँ।। मेरी ज़िन्दगी यूँ तो मौजों में गुजरी है सारी। पर आज भी मैं तेरे पास में सोने लगता हूँ।। मेरी हँसी की तस्वीर सभी दिलों में बसी है। पर जब भी मैं ख़ुद से मिला रोने लगता हूँ।। लोगों ने यूँ तो आग लगा रखी है रिश्तों में।। मैं जहाँ से गुजरा प्रेम का बीज बोने लगता हूँ। महफ़िलों में अक्सर संग मेरे उदासी रहती है। इक ख़्वाब है जिसका दर्द मैं ढोने लगता हूँ।। ✍️शिवांग द्विवेदी हर बात लबों पर लाएं, वो सख्स हम नहीं, जो दुनिया को दिखा पाएं, वो अश्क अब नहीं.. #shivang #love #hindi #life