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कहां कब कोइ किसी की समझ सकता है अब यहां कोई हनुमान

कहां कब कोइ
किसी की समझ सकता है
अब यहां कोई हनुमान
नही जो सीना चीर सकता है 🎀 Challenge-413 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 फ़ितरत एक उर्दू शब्द है जिसका अर्थ होता है प्रकृति, स्वभाव, आदत, उत्पत्ति, पैदाइश, धूर्तता, चालाकी, शरारत।

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।
कहां कब कोइ
किसी की समझ सकता है
अब यहां कोई हनुमान
नही जो सीना चीर सकता है 🎀 Challenge-413 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 फ़ितरत एक उर्दू शब्द है जिसका अर्थ होता है प्रकृति, स्वभाव, आदत, उत्पत्ति, पैदाइश, धूर्तता, चालाकी, शरारत।

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।