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कभी नहीं, सोचा था मैने ऐसे, तुम मिलोगी!! हाइकु ज

कभी नहीं, 
सोचा था मैने ऐसे, 
तुम मिलोगी!! हाइकु जापान में पली बढ़ी एक अनोखी काव्य विधा है जो तीन पंक्तियों में लिखी जाती है। यह विधा अब विश्व की हर भाषा में प्रचलित हो गयी है। हाइकु में कुल 17 अक्षर की बाध्यता रखी गयी है, जिस में पहली पंक्ति में 5 दूसरी में 7 और तीसरी में फिर 5 अक्षर का विधान रखा गया है।
ध्यान रहे हिंदी भाषा के तहत हाइकु में मात्राओं की नहीं बल्कि वर्णों/अक्षरों की गिनती की जाती है और आधे अक्षर को नहीं गिना जाता। 
जैसे 
जापान - यह 3 अक्षर से मिल कर बना है।
मात्रा के तौर पर यह 5 मात्रा का शब्द है। इसी तरह 
सत्ता - 3 अक्षर, साधारण - 4 अक्षर 

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कभी नहीं, 
सोचा था मैने ऐसे, 
तुम मिलोगी!! हाइकु जापान में पली बढ़ी एक अनोखी काव्य विधा है जो तीन पंक्तियों में लिखी जाती है। यह विधा अब विश्व की हर भाषा में प्रचलित हो गयी है। हाइकु में कुल 17 अक्षर की बाध्यता रखी गयी है, जिस में पहली पंक्ति में 5 दूसरी में 7 और तीसरी में फिर 5 अक्षर का विधान रखा गया है।
ध्यान रहे हिंदी भाषा के तहत हाइकु में मात्राओं की नहीं बल्कि वर्णों/अक्षरों की गिनती की जाती है और आधे अक्षर को नहीं गिना जाता। 
जैसे 
जापान - यह 3 अक्षर से मिल कर बना है।
मात्रा के तौर पर यह 5 मात्रा का शब्द है। इसी तरह 
सत्ता - 3 अक्षर, साधारण - 4 अक्षर 

एक हाइकु देखें
ashagiri4131

Asha Giri

New Creator

हाइकु जापान में पली बढ़ी एक अनोखी काव्य विधा है जो तीन पंक्तियों में लिखी जाती है। यह विधा अब विश्व की हर भाषा में प्रचलित हो गयी है। हाइकु में कुल 17 अक्षर की बाध्यता रखी गयी है, जिस में पहली पंक्ति में 5 दूसरी में 7 और तीसरी में फिर 5 अक्षर का विधान रखा गया है। ध्यान रहे हिंदी भाषा के तहत हाइकु में मात्राओं की नहीं बल्कि वर्णों/अक्षरों की गिनती की जाती है और आधे अक्षर को नहीं गिना जाता। जैसे जापान - यह 3 अक्षर से मिल कर बना है। मात्रा के तौर पर यह 5 मात्रा का शब्द है। इसी तरह सत्ता - 3 अक्षर, साधारण - 4 अक्षर एक हाइकु देखें #Collab #YourQuoteAndMine #YoPoDiMo #मेरेहाइकु