दिव्य किरणे चहुँओर बिखेरती अपनी लालिमायुक्त रश्मि, व्याकुलता,द्वेष का तिमिर हट जाता उत्तर हो या पश्चिमी, आस,उम्मीद का दामन थामे, करती नवसृजन व नवाचार, भटके को राह दिखाती, बन चिराग जीवन मे लाती बहार, पीताम्बर वर्ण धारण किये,रचती है मर्मज्ञ अनुभूति का सार। #दिव्य_किरणें_काव्य_संगीत 👉समय सीमा आज 6:00 Pm से कल 01:30 Pm तक है,प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद comment में time+Done लिखने के वजाय अपनी रचना लिख दीजिए, विजेता घोषित कल रात 10 बजे कर दिया जाएगा। 🎑काव्य संगीत प्रतियोगिता 15 में आपका स्वागत करता है। आप 4-5 पंक्ति में अपनी सराहनीय श्रेष्ठ उत्कृष्ट अनुपम उत्तम रचना लिखें।📃 #काव्य_संगीत #yqdidi #yqbaba 👉मौलिक रचना लिखें, वो भी भारतीय भाषा में, और रचना की प्रत्येक पंक्ति में सिर्फ़ 01-12 शब्दों हीं प्रयोग करें।