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मैं ही आज मैं ही कल हूं मैं आजाद हूं आवाज हूं आबाद

मैं ही आज मैं ही कल हूं मैं आजाद हूं आवाज हूं आबाद हूं 
सर्वशक्तिमान हूं अपने पंक्तियों की कवि हूं
 और दुनिया का सारा हूं आसमान की उड़ान हो हौसला की बुलंद हूं
 मैं तकदीरों  हूं में लकीर हूं 
गर्मी का छांव हूं थकान का मकान हूं 
बगीचे का गुलाब नही बागबान हू 
में नारी हूं में ही बुद्धि हूं में ही  सर्वसृष्टि  हूं
यदि सहन करने का हिम्मत है मुझमें तो तबाह करने का हौसला भी रखती हूं 
में नारी हूं
 में कटा हूं कोई कमल का फूल नहीं में 
नारी हूं लड़ सकती हूं 
हा मे कुछ भी कर सकती हूं...।

©The Poetry House woman's day special

#girl
मैं ही आज मैं ही कल हूं मैं आजाद हूं आवाज हूं आबाद हूं 
सर्वशक्तिमान हूं अपने पंक्तियों की कवि हूं
 और दुनिया का सारा हूं आसमान की उड़ान हो हौसला की बुलंद हूं
 मैं तकदीरों  हूं में लकीर हूं 
गर्मी का छांव हूं थकान का मकान हूं 
बगीचे का गुलाब नही बागबान हू 
में नारी हूं में ही बुद्धि हूं में ही  सर्वसृष्टि  हूं
यदि सहन करने का हिम्मत है मुझमें तो तबाह करने का हौसला भी रखती हूं 
में नारी हूं
 में कटा हूं कोई कमल का फूल नहीं में 
नारी हूं लड़ सकती हूं 
हा मे कुछ भी कर सकती हूं...।

©The Poetry House woman's day special

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