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सब संभाल लेता हूं मैं , भाई की लड़ाई हो या दोस्त के

सब संभाल लेता हूं मैं ,
भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े
गर्लफ्रेंड का ex हो
या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे 
सब संभाल लेते हैं हम...

हाथों का प्लास्टर हो या छिले हुए घुटने ,
गिरे हो बाइक से या खड़े हो टीचर से पीटने
अब बहन तो विदाई पे रो लेगी
पर हम नही रोयेंगे
चार दिन की रोड ट्रिप है
पर हम व्हील पे नहीं सोयेंगे
एक छोटा सा किस्सा भी हो जाये ,
तो उसे बढ़ा चढ़ा के सुनाएंगे
पर जब दिल टूटेगा ना
तो अपने दोस्तों को भी नहीं बताएँगे
क्योंकि सब संभाल लेते हैं हम...

क्या है ना कि दारु की capacity से हमारी ,
औकात नापी जाती है
पर सबको घर छोड़ने की ज़िम्मेदारी
भी हमारे हिस्से ही आती है
किसी फिल्म की sad ending हो
या best friend का foreign जाने का farewell, soft नहीं होते हैं
अगर गुस्सा आता तो आज अभी
पर प्यार जताने वाला सब कुछ कल
क्या है ना क्योंकि माचो इतने है
पर sensitive topic पे थोड़े गड़बड़ हो जाते हैं
यार अपन लोग तो मम्मी को hug करने में भी
awkward हो जाते है...

घर की financial problem हो
या किसी की तबियत ख़राब
पापा की social standing हो
या safety security का सवाल
सब संभाल लेते हैं हम...

हम वो है जो फूटपाथ पर बाहर की तरफ चलते है ,
साया बनते है परिवार का पर धुप में खुद पलते है
कभी हमारी भी मर्दानगी का पर्दा हटा कर देखना
कभी थामना हमारा भी हाथ
कैसे हो तुम?... पूछना!
क्योंकि यार हमारी भी सख्त शक्लों के पीछे
एक मासूम सा बच्चा है जी
जिसकी ख्वाहिशें घर, गाड़ी, आसमान नहीं
अपनापन सच्चा है जी
हमे भी डर लगता है
अकेले अँधेरे कमरों में हम भी सो नहीं सकते
और सच कहूँ तो झूठे है वो लोग
जो कहते हैं की आदमी रो नहीं सकते...

बाकी हाँ इसके अलावा सब संभाल लेते हैं हम , 
भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े
गर्लफ्रेंड का ex हो
या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे
सब संभाल लेते हैं हम...

- ANKUR

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) सब संभाल लेता हूं मैं ,
भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े
गर्लफ्रेंड का ex हो
या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे 
सब संभाल लेते हैं हम...

हाथों का प्लास्टर हो या छिले हुए घुटने ,
गिरे हो बाइक से या खड़े हो टीचर से पीटने
सब संभाल लेता हूं मैं ,
भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े
गर्लफ्रेंड का ex हो
या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे 
सब संभाल लेते हैं हम...

हाथों का प्लास्टर हो या छिले हुए घुटने ,
गिरे हो बाइक से या खड़े हो टीचर से पीटने
अब बहन तो विदाई पे रो लेगी
पर हम नही रोयेंगे
चार दिन की रोड ट्रिप है
पर हम व्हील पे नहीं सोयेंगे
एक छोटा सा किस्सा भी हो जाये ,
तो उसे बढ़ा चढ़ा के सुनाएंगे
पर जब दिल टूटेगा ना
तो अपने दोस्तों को भी नहीं बताएँगे
क्योंकि सब संभाल लेते हैं हम...

क्या है ना कि दारु की capacity से हमारी ,
औकात नापी जाती है
पर सबको घर छोड़ने की ज़िम्मेदारी
भी हमारे हिस्से ही आती है
किसी फिल्म की sad ending हो
या best friend का foreign जाने का farewell, soft नहीं होते हैं
अगर गुस्सा आता तो आज अभी
पर प्यार जताने वाला सब कुछ कल
क्या है ना क्योंकि माचो इतने है
पर sensitive topic पे थोड़े गड़बड़ हो जाते हैं
यार अपन लोग तो मम्मी को hug करने में भी
awkward हो जाते है...

घर की financial problem हो
या किसी की तबियत ख़राब
पापा की social standing हो
या safety security का सवाल
सब संभाल लेते हैं हम...

हम वो है जो फूटपाथ पर बाहर की तरफ चलते है ,
साया बनते है परिवार का पर धुप में खुद पलते है
कभी हमारी भी मर्दानगी का पर्दा हटा कर देखना
कभी थामना हमारा भी हाथ
कैसे हो तुम?... पूछना!
क्योंकि यार हमारी भी सख्त शक्लों के पीछे
एक मासूम सा बच्चा है जी
जिसकी ख्वाहिशें घर, गाड़ी, आसमान नहीं
अपनापन सच्चा है जी
हमे भी डर लगता है
अकेले अँधेरे कमरों में हम भी सो नहीं सकते
और सच कहूँ तो झूठे है वो लोग
जो कहते हैं की आदमी रो नहीं सकते...

बाकी हाँ इसके अलावा सब संभाल लेते हैं हम , 
भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े
गर्लफ्रेंड का ex हो
या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे
सब संभाल लेते हैं हम...

- ANKUR

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) सब संभाल लेता हूं मैं ,
भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े
गर्लफ्रेंड का ex हो
या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे 
सब संभाल लेते हैं हम...

हाथों का प्लास्टर हो या छिले हुए घुटने ,
गिरे हो बाइक से या खड़े हो टीचर से पीटने

सब संभाल लेता हूं मैं , भाई की लड़ाई हो या दोस्त के पचड़े गर्लफ्रेंड का ex हो या उसके घर के बाहर नुक्कड़ पर खड़े फुकरे सब संभाल लेते हैं हम... हाथों का प्लास्टर हो या छिले हुए घुटने , गिरे हो बाइक से या खड़े हो टीचर से पीटने #Hopeless