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अमावस की रात में चाँद तो नही निकलता समा में अंधेर

अमावस की रात में 
चाँद तो नही निकलता
समा में अंधेरा होता हैं।

तेरे चेहरे के तख़य्युल से
शाद मिलती है,
और मेरे दिल में उजाला होता हैं।

समा-आकाश, शाद-खुश, तख़यूल्ल-कल्पना, Kavita Gautam  Sahiba Sridhar VARSHA KUSHWAH Kalpana Kumari Pavita Devi
अमावस की रात में 
चाँद तो नही निकलता
समा में अंधेरा होता हैं।

तेरे चेहरे के तख़य्युल से
शाद मिलती है,
और मेरे दिल में उजाला होता हैं।

समा-आकाश, शाद-खुश, तख़यूल्ल-कल्पना, Kavita Gautam  Sahiba Sridhar VARSHA KUSHWAH Kalpana Kumari Pavita Devi