चल अचल जग सफल मन मुदित हुआ प्रबल आत्मचित जगा अगन धीर गंभीर मस्त मगन पा गया सबकुछ जरा मिल गई सारी खुशी अब चाहिए और क्या बताने को कुछ भी नहीं बस मन चंचला गई खो गई न जाने कहाँ पता नही कब मिलेगी मुझे मेरी #झुमकी का निशां