Unsplash सैलाब सा उमड़ा है सीने में.. मज़ा भी आ रहा है आजकल जीने में.! कस्ती डूब जाए तो ग़म नहीं.. जो छोड़ जाए बीच में, उसके किरदार में हम नहीं.! ©_Writer_Sharda_ #Book writer Cs Thakur